खेल मंत्रालय इस बात से राहत ले रहा है कि वह अब दिल्ली उच्च न्यायालय की अनुमति के बिना ही राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को मान्यता दे सकता है और अब वह इस प्रक्रिया को शुरू करके एक हफ्ते के अंदर उच्चतम न्यायालय को इसकी सूचना देगा। उच्चतम न्यायालय ने गुरूवार को कहा कि मंत्रालय और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को देश के खेल महासंघों को मान्यता देने से पहले दिल्ली उच्च न्यायालय की अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। उच्चतम न्यायालय खेल मंत्रालय की उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील की सुनवाई कर रहा था जिसमें उसकी अनुमति के बिना एनएसएफ को मान्यता देने का फैसला करने पर प्रतिबंध लगाया हुआ था।उच्च न्यायालय ने वकील राहुल मेहरा द्वारा जारी एक 2010 जनहित याचिका में यह आदेश दिया था जिसमें राष्ट्रीय खेल संहिता का पालन करने की तथा खेल मंत्रालय और आईओए को निर्देश देने की मांग की गयी थी ताकि सुनिश्चित हो कि एनएसएफ अपने कर्तव्यों का सही पालन करे। खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने पीटीआई से कहा, ‘‘ माननीय उच्चतम न्यायालय के आज के आदेशानुसार, खेल मंत्रालय अब एनएसएफ को मान्यता दे सकता है जिससे हमारे ओलंपिक जाने वाले खिलाड़ियों की तैयारियों में मदद मिलेगी। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन दिशानिर्देशों के अनुसार, हमें इस संबंध में कोई भी कार्रवाई करने से पहले माननीय उच्चतम न्यायालय को सूचित करना होगा। हम इस मुद्दे पर काम कर रहे हैं और अगले हफ्ते तक हम सूचित करने की स्थिति में होंगे।
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