Operation Sindoor के बाद पहली बार एक मंच पर होंगे ट्रंप-मोदी

कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका के सात देशों के समूह (G7) के नेता 51वें G7 शिखर सम्मेलन के भाग के रूप में तीन दिनों के लिए कनानास्किस में मिलेंगे। यह सातवीं बार है जब कनाडा G7 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है और उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित गैर-G7 देशों के राष्ट्राध्यक्षों को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है। इस वर्ष बैठक के अंत में कोई संयुक्त वक्तव्य या विज्ञप्ति जारी नहीं की जाएगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी शिखर सम्मेलन के लिए कनानास्किस आएंगे। शिखर सम्मेलन में उनकी उपस्थिति दिलचस्प होगी क्योंकि वे 2018 में G7 से बाहर हो गए थे। ट्रम्प के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, जॉन बोल्टन ने उस समय पोस्ट किया था कि ट्रम्प ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अमेरिका उनका बैंक नहीं होगा। बस एक और G7 जहाँ अन्य देश उम्मीद करते हैं कि अमेरिका हमेशा उनका बैंक रहेगा। राष्ट्रपति ने आज यह स्पष्ट कर दिया। अब और नहीं।

दुनिया के दिग्गज देशों के शिखर सम्मेलन जी-7 में पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी से भारत के साथ कनाडा और अमेरिका के संबंधों में नया मोड़ आने की उम्मीद की जा रही है। इस सम्मेलन का पूरा कूटनीतिक लाभ लेने की तैयारी की जा रही हैं। विश्व की सबसे ताकतवर शक्तियों के इस समूह की बैठक में पहली बार पीएम मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प एक मंच पर होंगे। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ 4 दिन की सैन्य कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर के बाद दीनों नेता पहली बार आमने-सामने होंगे। इस सैन्य टकराव को रुकवाने का पेप ट्रम्प कई तरह से कई बार लेने की कोशिश कर चुके हैं। उनके बयानों को लेकर केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया था कि संपविराम की पहल खुद पाकिस्तान ने भारत से की थी।

अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कनाडा में पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड टम्प के बीच जी-7 के दौरान द्विपक्षीय मुलाकात होगी या नहीं। भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय रिश्तों में टैरिफ को लेकर भी कूटनीतिक उलझन की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में दोनों नेताओं के बीच किसी भी मिट में होने वाली मुलाकात संबंधों में सुधार की दिशा में अहम साबित होगी।

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