Russia-India-China की दोस्ती पक्की करने का टाइम आ गया-सर्गेई लावरोव

2020 के बाद पहली बार रूस ने खुले तौर पर रूस-भारत-चीन (आरआईसी) त्रिपक्षीय प्रारूप को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने 29 मई को पर्म शहर में यूरेशिया में एक सुरक्षा सम्मेलन में बोलते हुए कहा कि आरआईसी बैठकों को फिर से शुरू करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि उनके विचार में भारत और चीन सीमा तनाव को कम करने पर एक समझ पर पहुँच गए हैं। लावरोव ने कहा कि मैं त्रिपक्षीय पहल रूस-भारत-चीन के प्रारूप के भीतर काम को जल्द से जल्द फिर से शुरू करने में मॉस्को की वास्तविक रुचि की पुष्टि करना चाहता हूं। 

आरआईसी समूह का प्रस्ताव सबसे पहले रूस के पूर्व प्रधानमंत्री येवगेनी प्रिमाकोव ने बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के लिए मास्को के दृष्टिकोण के हिस्से के रूप में रखा था। पिछले कुछ वर्षों में यह विभिन्न स्तरों पर 20 से अधिक बार आयोजित किया गया है, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर बातचीत को बढ़ावा देने के लिए तीन एशियाई शक्तियों के विदेश मंत्रियों, व्यापार अधिकारियों, आर्थिक एजेंसियों और सुरक्षा विशेषज्ञों को एक साथ लाया गया है। हालाँकि, गलवान संघर्ष के बाद भारत-चीन संबंधों में तीव्र गिरावट आई, जिसके बाद यह मंच प्रभावी रूप से निष्क्रिय हो गया।

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोवअगले महीने भारत आ सकते हैं। रूसी दूतावास के सूत्रों के मुताबिक ये यात्रा जून के आखिर में हो सकती है। हालांकि अभी कोई तारीख सामने नहीं आई है। माना जा रहा है कि रूसी विदेश मंत्री के इस दौरे का मकसद राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के इस साल होने वाले प्रस्तावित भारत दौरे। के मद्देनजर ग्राउंडवर्क तैयार करना है। भारत और रूस के वीच सालाना होने वाले समिट के लिए पुतिन को इस साल भारत आना है। बीती 27 मार्च को ही लावरोव ने कहा था कि राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा की तैयारी चल रही हैं। उन्होंने कहा था कि प्रेजिडेंट पुतिन ने पीएम मोदी की ओर से भारत आने का न्योता स्वीकार कर लिया है। ऐसे में मौजूदा वक्त में राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा को लेकर तैयारियों पर काम चल रहा है। 2021 के वाद पूतिन पहली बार भारत यात्रा पर आएंगे।

यूक्रेन से संघर्ष के बाद कम निकले पुतिन 

भारत ने यूक्रेन और रूस के बीच संघर्ष को लेकर अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर हमेशा उन प्रस्तावों से दूरी बनाई, जो रूस पर सख्ती की वकालत करते थे। रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के बाद से रूसी राष्ट्रपति ने बहुत कम देशों का दौरा किया है। युद्ध से जुड़े एक केस में 2023 में इंटरनैशनल क्रिमिनल कोर्ट ने पूतिन के खिलाफ वारंट जारी कर दिया था।

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