टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने तमिलनाडु के होसुर संयंत्र में आईफोन के आवरणों के उत्पादन को बढ़ाने की तैयारी की है। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स अब अपनी वर्तमान क्षमता को दोगुणा करने की तैयारी में जुटी हुई है। अब ये क्षमता लगभग 50 हजार युनिट्स से बढ़कर इसका दोगुणा निर्माण करने की हो जाएगी। द इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में ये जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से बताया गया कि टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के संयंत्र में मौजूदा क्षमता 50 हजार यूनिट्स की है जिसे दोगुणा करने पर विचार किया जा रहा है। ये विस्तार एप्पल के वार्षिक उत्पाद रिलीज चक्र के साथ मेल खाएगा। आमतौर पर एप्पल का नया प्रोडक्ट सितंबर में लॉन्च होता है। ये सुविधा के विस्तार के दूसरे चरण का हिस्सा है। पिछले वर्ष सितम्बर में आग लगने के कारण परिचालन बाधित हो गया था। इस घटना के बाद टाटा की विस्तार की योजना अस्थायी तौर पर रुक गई थी।
वहीं आग लगने के बाद संयंत्र में परिचालन बाधित हुआ था। इसके बाद से ही प्रयास किए जा रहे हैं कि स्थिति को सामान्य किया जाए। इस मामले से परिचित अन्य व्यक्ति ने कहा कि आग लगने के बाद उन्हें पटरी पर आने में समय लगेगा। रिपोर्ट की मानें तो क्षमता आग लगने से पहले के स्तर पर पहुंच गई है। अब इसका विस्तार किया जाएगा। ये विस्तार ऐसे समय में होगा जब एप्पल विस्तार के लिए भारत की ओर देख रहा है। बता दें कि एक मई को एप्पल की पहली तिमाही का आयोजन हुआ था, जिसमें सीईओ टिम कुक ने एप्पल की वैश्विक उत्पादन रणनीति में भारत के बढ़ते महत्व पर जोर दिया था।
इस दौरान सीईओ टिम कुक ने कहा, “जून तिमाही के लिए, हम उम्मीद करते हैं कि अमेरिका में बिकने वाले अधिकांश आईफोन का मूल देश भारत होगा।” उन्होंने यह भी बताया कि जहां भारत आईफोन उत्पादन में केंद्रीय भूमिका निभाएगा, वहीं वियतनाम आईपैड, मैक, एप्पल वॉच और एयरपॉड्स के उत्पादन में अग्रणी भूमिका निभाना जारी रखेगा। यह टिप्पणी भू-राजनीतिक तनावों और व्यापार चुनौतियों के बीच चीनी विनिर्माण पर निर्भरता कम करने के लिए एप्पल के व्यापक प्रयास को प्रतिबिंबित करती है।
टाटा ने एप्पल के इकोसिस्टम में अपनी स्थिति मजबूत की
एप्पल की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बड़ी भूमिका निभाने की टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की महत्वाकांक्षा पिछले वर्ष में तेजी से स्पष्ट हुई है। मार्च 2024 में, समूह ने कर्नाटक के नरसापुरा में स्थित विस्ट्रॉन के भारत परिचालन का अधिग्रहण पूरा कर लिया। इस कदम के बाद 2025 की शुरुआत में टाटा ने पेगाट्रॉन टेक्नोलॉजी इंडिया में 60 प्रतिशत नियंत्रित हिस्सेदारी हासिल कर ली।